स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
शनिदेव मैं सुमिरौं तोही। विद्या बुद्धि ज्ञान दो मोही॥ तुम्हरो नाम shiv chalisa lyricsl अनेक बखानौं। क्षुद्रबुद्धि मैं जो कुछ जानौं॥
कानन कुण्डल नागफनी के ॥ अंग गौर शिर गंग बहाये ।
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥
नमो नमो जय नमः शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।
संकट में पूछत नहिं कोई ॥ स्वामी एक है आस तुम्हारी ।
लिङ्गाष्टकम्